Ashram News

The Flip Side of Asaramji Bapu


Asaramji Bapu

The Flip Side: Ek sach jo aap tak pahunch na saka – Documentary [HD]

Documentary to bring out flipside of Sant Asaram Bapu c

The Flip Side (एक सच जो आप तक पहुँच न सका) is a 2015 Indian documentary film by Utpal Kalal, depicting the jaw-dropping story of Saint Asaram Bapu.

Synopsis:
Indie Filmmaker Utpal Kalal and Cinematographer Kaustubh Manchekar travel to the Asaram Bapu’s Motera Ashram in Ahmedabad, looking to observe the Ashram’s reality and investigate the Sadhaks living there. They spent 20 days in the Ashram, interacting with each of the inhabitants, and closely observing each and every ashram activity. They have asked unrestrained, hard-hitting questions based on whatever allegations have been put up, and tried to research all the related aspects without any prejudice, and unabashedly. They watched and analyzed many hours of footage archives, and when the filming and research was complete, what they had was an unforgettable experience with them, a soul stirring reality that has not reached the common man, until now.

(Asaram Bapu who is currently lodged at Central Jail, Jodhpur, is exercising his legal recourse against the charges of molestation. It’s believed that he has been framed in an international conspiracy and gone through the worst media trial ever.)

Credits:
Presented by: UK Pictures
Directed, Written, Narrated by: Utpal Kalal
Director of Photography: Kaustubh Manchekar
Edited by: Sanjay Chaudhary & Sachin Nikam
Original Music by: Vishal & Shivram
Production Audio: Lokesh

Copyright © 2015 by UK Pictures Entertainment.
Any reproduction, republication or distribution of all or part of this film is expressly prohibited, unless UK Pictures Entertainment grants you prior written permission.

Standard
The Flip Side

The Flip Side – Official Trailor


Film Of asaram Bapu, jaw-dropping story

The Flip Side

The Flip Side (एक सच जो आप तक पहुँच न सका) is a 2015 Indian documentary film by Utpal Kalal, depicting the jaw-dropping story of Saint Asaram Bapu.
Releasing on November 11, 2015.

Standard
New Year Satsang

The Truth Of New Year


नया वर्ष का सच

The Truth of New Year

“ना तो जनवरी साल का पहला महीना है और ना ही 1 जनवरी पहला दिन। जो आज तक जनवरी को पहला महीना मानते आए है वो जरा इस बात पर विचार करिए। सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर क्रम से 7वाँ, 8वाँ, नौवाँ और दसवाँ महीना होना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है। ये क्रम से 9वाँ, 10वाँ, 11वां और बारहवाँ महीना है। हिन्दी में सात को सप्त, आठ को अष्ट कहा जाता है,इसे अंग्रेजी में sept (सेप्ट) तथा oct (ओक्ट) कहा जाता है। इसी से september तथा October बना। नवम्बर में तो सीधे-सीधे हिन्दी के “नव” को ले लिया गया है तथा दस अङ्ग्रेज़ी में “Dec” बन जाता है जिससे December बन गया।


ऐसा इसलिए कि 1752 के पहले दिसंबर दसवाँ महीना ही हुआ करता था। इसका एक प्रमाण और है। जरा विचार करिए कि 25 दिसंबर यानि क्रिसमस को X-mas क्यों कहा जाता है???? इसका उत्तर ये है की “X” रोमन लिपि में दस का प्रतीक है और mas यानि मास अर्थात महीना। चूंकि दिसंबर दसवां महीना हुआ करता था इसलिए 25 दिसंबर दसवां महीना यानि X-mas से प्रचलित हो गया।

इन सब बातों से ये निस्कर्ष निकलता है की या तो अंग्रेज़ हमारे पंचांग के अनुसार ही चलते थे या तो उनका 12 के बजाय 10 महीना ही हुआ करता था। साल को 365 के बजाय 345 दिन का रखना तो बहुत बड़ी मूर्खता है तो ज्यादा संभावना इसी बात की है कि प्राचीन काल में अंग्रेज़ भारतीयों के प्रभाव में थे इस कारण सब कुछ भारतीयों जैसा ही करते थे और इंगलैण्ड ही क्या पूरा विश्व ही भारतीयों के प्रभाव में था जिसका प्रमाण ये है कि नया साल भले ही वो 1 जनवरी को माना लें पर उनका नया बही-खाता1 अप्रैल से शुरू होता है। लगभग पूरे विश्व में वित्त-वर्ष अप्रैल से लेकर मार्च तक होता है यानि मार्च में अंत और अप्रैल से शुरू। भारतीय अप्रैल में अपना नया साल मनाते थे तो क्या ये इस बात का प्रमाण नहीं है कि पूरे विश्व को भारतीयों ने अपने अधीन रखा था।

इसका अन्य प्रमाण देखिए-अंग्रेज़ अपना तारीख या दिन 12 बजे रात से बदल देते है। दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है तो 12 बजे रात से नया दिन का क्या तुक बनता है!!! भारत में नया दिन सुबह से गिना जाता है, सूर्योदय से करीब दो-ढाई घंटे पहले के समय को ब्रह्म-मुहूर्त्त की बेला कही जाती है और यहाँ से नए दिन की शुरुआत होती है। यानि की करीब 4 – 4.30 के आस-पास और इस समय इंग्लैंड में समय 12 बजे के आस-पास का होता है। चूंकि वो भारतीयों के प्रभाव में थे इसलिए वो अपना दिन भी भारतीयों के दिन से मिलाकर रखना चाहते थे इसलिए उनलोगों ने रात के 12 बजे से ही दिन नया दिन और तारीख बदलने का नियम अपना लिया ।

जरा सोचिए वो लोग अब तक हमारे ज्ञान के अधीन थे, हमारा अनुसरण करते थे, और हम सर्वगुण संपन्न होते हुए भी, उनकी ओर देखते हैं, उनका अनुसरण करते हैं ! कितनी बड़ी विडम्बना है ये ! ये सब हमारे द्वारा हमारे शास्त्रों की उपेक्षा का परिणाम है ! हमें अगर कोई 1 जनवरी को नया साल मनाने वाले लोग, मिलें तो हमें जरुर उनके साथ मिलकर उनका नया वर्ष है, हम उन्हें इस बात की बधाई दे रहे हैं, इस मानसिकता से उन्हें बधाई दें ! क्योंकि हम विश्व कल्याण की भावना वाले हैं, हमारा दिल बड़ा है, हमारे विचार – वसुधैव कुटुम्बकं – का है ! लेकिन हम अपने लोगों अपने आने वाले जेनरेसन को ये बता रहे हैं, की यही विश्व का पंचांग है, और यही सत्य है, तो ये हम बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं ! हमें अपनी संस्कृति की सुरक्षा करनी चाहिए, हमें अपने बच्चों को, अपनी संस्कृति की सद्शिक्षा देनी चाहिए, इसी से हम विश्व को मार्ग दिखने में अपने पूर्वजों की तरह दक्ष हो सकते हैं, और विश्व के आदर्श बन सकते हैं ।

Standard
Introducing New Blog

His Holiness Param Pujya Sant Shri Asharamji Bapu


His Holiness Param Pujya Sant Shri Asharamji Bapu.

Standard
People's Experience

KAASH…. SANT SHRI ASHARAMJI BAPU MUSALMAN HOTE….


KAASH…. SANT SHRI ASHARAMJI BAPU MUSALMAN HOTE…..

Standard